Monday, February 13, 2012

रस्ता ओळखीचा ....

ओंजळीत माझ्या होते 
थोडे पाणी पावसाचे 
क्षण काही जपलेले 
स्वप्नातल्या नवसाचे 

पाखरांची फांदी माझी
मनावर रेळलेली

वसंतात भावफुले
हातावर झेललेली 

अशीच एक आठवण
मनात साठवून आहे
रस्ता एक ओळखीचा
पापणीत दाटवून आहे 

Tuesday, February 07, 2012

किनारा

दिल की बातों से में अनजान था 
प्यार तो उसने ही  सिखाया
थांबकर हाथोंमे हाथ मेरा 
मुझे उम्मीद की ओर बढाया 


जिंदगी के एक मोड पर 
फिर वो मुझे अकेला छोड गई
प्यार के इस नाजूक रिश्ते को 
वो बडी आसानी से तोड गई 


प्यार के गहरे सागर मे
उसकी मौजो को में सह गया 
उसने तो किनारा पकड लिया 
पर में उसमे बह गया 


आज में अकेला हू 
और मेरी कुछ फारियादे  है 
दिल के एक  कोनेमे 
कुछ छुपी हुई यादें है 

तुझ्याचसाठी ....

तुझ्यासाठी तुझ्यापाठी 
                 कुणीतरी झुरतं आहे 
गच्च निळ्या मेघांमध्ये 
                 एक आकाश झरतं आहे....
मनाचा या डोह होतो 
                 आठवणीनी ओलाचिंब 
डोहातल्या पाण्यातही
                 पुन्हा तुझंच प्रतिबिंब.... 

तुझ्यासाठी तुझ्यापाठी  कुणीतरी झुरतं आहे